ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्: ऋण से मुक्ति के 5 आसान उपाय

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्: ऋण से मुक्ति पाने का दिव्यमार्गऋण, चाहे आर्थिक हो या मानसिक, किसी भी व्यक्ति केजीवन में भारी बोझ बन सकता है। जीवन के इन कठिनपलों में भगवान गणेश का स्मरण हमें साहस औरसमाधान की ओर ले जाता है। ‘ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्’गणपति बप्पा का एक अद्भुत स्तोत्र है, जो विशेष रूप सेउन भक्तों … Read more

गणेश पञ्चरत्न स्तोत्रम्: भगवान गणेश की महिमा के 5 पवित्र श्लोक

गणेश पञ्चरत्न स्तोत्रम्

गणेश पञ्चरत्न स्तोत्रम् (आदि शंकराचार्य रचित)भगवान गणेश की स्तुति में रचित एक पवित्र स्तोत्र है।इसमें भगवान गणेश के गुणों, उनकी महिमा और उनकेआशीर्वादों का गुणगान किया गया है। यहाँ प्रत्येक श्लोकका हिंदी अनुवाद भी दिया गया है। गणेश पञ्चरत्न स्तोत्रम् श्रीगणेशाय नमः श्लोक १ मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकम्।कलाधरावतंसकं विलासि लोकरक्षकम्॥अनायकैक नायकं विनाशितेभदैत्यकम्।नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम्॥ अनुवाद:जो … Read more

गणपति अथर्वशीर्ष: भगवान गणेश की महिमा 5 और लाभ

गणपति अथर्वशीर्ष

गणपति अथर्वशीर्ष: और 5 आध्यात्मिक उपाय गणेश अथर्वशीर्ष एक पवित्र और लोकप्रिय ग्रंथ है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। इस उपनिषद् में भगवान गणेश की महिमा और उनके दिव्य स्वरूप का वर्णन किया गया है। इसे पढ़ने और समझने से न केवल व्यक्ति की आस्था बढ़ती है, बल्कि इसे नियमित रूप से करने से … Read more

AdityaHridaya Stotram 10 महत्वपूर्ण जानने योग्य बातें

AdityaHridaya Stotram

AdityaHridaya Stotram भगवान श्रीराम के द्वारा रावण से युद्ध के समय शक्ति और वि जय प्राप्ति के लिए ऋषि अगस्त्य के उपदेश के अनुसार किया गया था। यह स्तोत्र भगवान सूर्यदेव की स्तुति में रचा गया है और इसका पाठ करने से हर प्रकार के भय, रोग, शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। इसका पाठ विशेषकर … Read more

Dwadash Jyotirlinga Stotram lyrics

Dwadash Jyotirlinga Stotram lyrics

Dwadash Jyotirlinga Stotram lyrics सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ।भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥1 श्रीशैलशृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्गेऽपि मुदा वसन्तम् ।तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ॥2 अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् ।अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥3 कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय ।सदैवमान्धातृपुरे वसन्तमोङ्कारमीशं शिवमेकमीडे ॥4 पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम् ।सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि ॥5 याम्ये सदङ्गे … Read more

Rudrashtakam Stotram with meaning

Rudrashtakam Stotram with meaning -

Rudrashtakam Stotram with meaning Rudrashtakam Stotramरुद्राष्टकम लिरिक्स नमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेहम् निराकारमोङ्करमूलं तुरीयंगिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।करालं महाकालकालं कृपालंगुणागारसंसारपारं नतोहम् तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरंमनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गालसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालंप्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालंप्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशंअखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिंभजेहं भवानीपतिं भावगम्यम् कलातीतकल्याण कल्पान्तकारीसदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।चिदानन्दसंदोह मोहापहारीप्रसीद … Read more

Lingashtakam in sanskrit with meaning

Lingashtakam: लिंगाष्टकम स्तोत्रम्

Lingashtakam in sanskrit with meaning Lingashtakam: लिंगाष्टकम स्तोत्रम् शिवलिंग की महिमा का वर्णन करता है। इसमें शिवलिंग के महत्व और उसके द्वारा दिए जाने वाले फलों का वर्णन है। आइए लिंगाष्टकम का पाठ करें और उसे अर्थ सहित महत्व को जाने: लिंगाष्टकम स्तोत्र ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥1॥  देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् … Read more

Shri Hanuman Tandava Stotram: श्री हनुमान तांडव स्तोत्रम् अर्थ सहित

Shri Hanuman Tandava Stotram श्री हनुमान तांडव स्तोत्रम्

Shri Hanuman Tandava Stotram: श्री हनुमान तांडव स्तोत्रम् Shri Hanuman Tandava Stotram श्री हनुमान तांडव स्तोत्रम् श्लोक 1:वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम्। रक्ताङ्गरागशोभाढयं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥ अर्थ:मैं उस हनुमान जी की पूजा करता हूँ जिनका रंग सिंदूर जैसा है, जिन्होंने लाल वस्त्र पहना हुआ है, जिनके शरीर पर लाल रंग की आभा है, और जिनकी पूंछ भी लाल … Read more

Shri Hari Stotram: Verses and Meaning

Shri Hari Stotram: Verses and Meaning

Shri Hari Stotram: Verses and Meaning Shri Hari Stotram: श्री हरि स्त्रोतम श्लोक 1:जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं नभोनीलकायं दुरावारमायं सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं ॥1 श्लोक 2:सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं ॥2 श्लोक 3:रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं जलान्तर्विहारं धराभारहारं चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं ॥3 श्लोक 4:जराजन्महीनं परानन्दपीनं समाधानलीनं सदैवानवीनं जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं … Read more

Jagannathashtakam: श्री जगन्नाथाष्टकम

Jagannathashtakam

Jagannathashtakam: श्री जगन्नाथाष्टकम Jagannathashtakam जगन्नाथाष्टकम् का रचना आदि शंकराचार्य जी ने की थी। यह स्तोत्र भगवान जगन्नाथ को समर्पित है। इसका पाठ भक्त को संसार के बंधनों से मुक्त करके भगवान जगन्नाथ के दिव्य लोक में ले जाता है। आइए श्री जगन्नाथाष्टकम को पढ़ें और प्रत्येक श्लोक का अर्थ समझते हैं: Jagannathashtakam कदाचित् कालिन्दी तट … Read more