April 11, 2025
Rama Ekadashi

Rama Ekadashi अक्टूबर 2024: विशेष योग संयोग के साथ कब है और क्यों है खास?

Rama Ekadashi

Rama Ekadashi अक्टूबर 2024: विशेष योग संयोग के साथ कब है और क्यों है खास?

क्या आप जानते हैं कि इस साल Rama Ekadashi के दिन इंद्र योग और शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है? यह विशेष योग साधकों के लिए अपनी इच्छाओं की पूर्ति और आध्यात्मिक उन्नति का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। आइए विस्तार से जानें इस खास दिन के बारे में।

Rama Ekadashi हिंदू धर्म के प्रमुख व्रतों में से एक है, जिसे कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, और इसके पालन से भक्त जीवन में सुख, समृद्धि और पापों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। वर्ष 2024 में रमा एकादशी 28 अक्टूबर, सोमवार को पड़ रही है।

रमा एकादशी का महत्व

Rama Ekadashi का व्रत रखने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे:

पापों से मुक्ति

सुख और समृद्धि की प्राप्ति

इच्छाओं की पूर्ति

आत्मिक उन्नति

यह व्रत विशेष रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का व्रत और पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।

रमा एकादशी 2024: तिथि और शुभ मुहूर्त

तिथि और समय:

एकादशी तिथि प्रारंभ: 27 अक्टूबर 2024, सुबह 05:23 बजे

एकादशी तिथि समाप्त: 28 अक्टूबर 2024, सुबह 07:50 बजे

व्रत का दिन: 28 अक्टूबर 2024 (सोमवार)

पारण समय: 29 अक्टूबर 2024, सुबह 06:31 से 08:44 तक

विशेष योग: इस साल रमा एकादशी पर दुर्लभ इंद्र योग और शिववास योग बन रहा है, जो इस दिन की महत्ता को और अधिक बढ़ा देता है। यह शुभ योग भक्तों को अधिक सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

रमा एकादशी व्रत विधि

Rama Ekadashi व्रत की सही विधि इस प्रकार है:

  1. दशमी तिथि की रात हल्का और सात्विक भोजन करें।
  2. एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर लें और व्रत का संकल्प लें।
  3. भगवान विष्णु की पूजा करें और धूप-दीप जलाएं।
  4. दिनभर निराहार रहें, जल, फल या दूध का सेवन किया जा सकता है।
  5. रात में जागरण करें और भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करें।
  6. द्वादशी के दिन पारण करके व्रत समाप्त करें।

रमा एकादशी की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ को एक ब्राह्मण के रूप में पृथ्वी पर भेजा। गरुड़ ने एक सर्प को देखा जो एक ब्राह्मण को निगलने वाला था। उसने सर्प से कहा कि अगर वह रमा एकादशी का व्रत करेगा तो उसे अपने पापों से मुक्ति मिल जाएगी। सर्प ने व्रत किया और मुक्त हो गया। तब से रमा एकादशी का व्रत पापों से मुक्ति और जीवन में उन्नति के लिए किया जाता है।

व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

व्रत के दिन सात्विक और शुद्ध आहार लें।

भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की आराधना करें।

दिनभर शांत और ध्यानपूर्ण रहें।

तुलसी की पूजा अवश्य करें और दान-पुण्य करें।

Rama Ekadashi का व्रत आध्यात्मिक उन्नति और आत्मिक शुद्धि के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है। इस व्रत को रखने से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि भगवान विष्णु की कृपा भी बनी रहती है। इस वर्ष 28 अक्टूबर को रमा एकादशी के विशेष योग संयोग का लाभ उठाकर आप भी अपने जीवन में सुख और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं।


Disclaimer (डिस्क्लेमर):

Puzanam पर प्रकाशित सभी जानकारी और सामग्री केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए उपलब्ध कराई गई है। हमारी वेबसाइट पर दी गई जानकारी की सटीकता, पूर्णता, और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास किया जाता है, लेकिन हम किसी भी प्रकार की वारंटी या गारंटी नहीं देते। उपयोगकर्ता किसी भी जानकारी का उपयोग अपनी स्वयं की जोखिम पर करते हैं। किसी भी निर्णय से पहले, कृपया एक पेशेवर सलाहकार या विशेषज्ञ से परामर्श करें। Puzanam किसी भी जानकारी या सलाह पर आधारित किसी भी कार्रवाई के परिणामस्वरूप होने वाले किसी भी नुकसान या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।


Diwali 2024: तारीख विवाद से परे, प्रकाश पर्व का असली महत्व

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© Puzanam.com 2024-2025