ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्: ऋण से मुक्ति के 5 आसान उपाय

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्: ऋण से मुक्ति पाने का दिव्य
मार्ग
ऋण, चाहे आर्थिक हो या मानसिक, किसी भी व्यक्ति के
जीवन में भारी बोझ बन सकता है। जीवन के इन कठिन
पलों में भगवान गणेश का स्मरण हमें साहस और
समाधान की ओर ले जाता है। ‘ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्’
गणपति बप्पा का एक अद्भुत स्तोत्र है, जो विशेष रूप से
उन भक्तों के लिए है जो अपने जीवन में ऋण, संकट या
आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इस स्तोत्र का
नित्य पाठ करने से व्यक्ति को न केवल ऋण से मुक्ति
मिलती है, बल्कि सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग भी
प्रशस्त होता है।

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्

॥ श्री गणेशाय नमः ॥

विनियोग

ॐ अस्य श्री ऋणहरणकर्तृगणपतिस्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव
ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्री ऋणहरणकर्तृगणपतिर्देवता,
ग्लौं बीजं, गः शक्तिः, गों कीलकम्, मम सकल
ऋणनाशने जपे विनियोगः |

ध्यान

सिन्दूरवर्णं द्विभुजं गणेशं लम्बोदरं पद्मदले निविष्टम् ।
ब्रह्मादिदेवैः परिसेव्यमानं सिद्धैर्युतम् तं प्रणमामि देवम् ||

पाठ

सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजितः फलसिद्धये।
सदैव पार्वतीपुत्रः ऋणनाशं करोतु मे॥१॥

गणेशवर्णं त्रिनेत्रं च चतुर्हस्तं हसन्मुखम्।
पाशाङ्कुशधरं देवं ऋणनाशं करोतु मे॥२॥

एकदन्तं महाकायं तप्तकाञ्चनसन्निभम्।
लम्बोदरं विशालाक्षं ऋणनाशं करोतु मे॥३॥

महादेवसुतं देवं महाशक्तिसमन्वितम्।
अनलंकृतं कपर्दिन्यां ऋणनाशं करोतु मे॥४॥

वक्रतुंडं सुराराध्यं मूषकाधिपवाहितम्।
रक्तवर्णं च शूर्पारं ऋणनाशं करोतु मे॥५॥

लम्बोदरं महावीर्यं नागयज्ञोपवीतिनम्।
सर्पाङ्गदं च वटनं ऋणनाशं करोतु मे॥६॥

स्तोत्रमेतत्पठेन्नित्यं ऋणमोचनसम्भवम्।
अनायासेन सिध्यन्ति धनधान्यसमृद्धयः॥७॥

॥ इति श्री ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम् संपूर्णम् ॥

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम् का हिंदी अर्थ

॥ श्री गणेशाय नमः ॥

श्लोक 1:
सृष्टि के आरंभ में ब्रह्माजी ने सफलता प्राप्ति के लिए गणेश जी की पूजा की।
मां पार्वती के पुत्र, श्री गणेश, मेरे ऋणों को नष्ट करें।

श्लोक 2:
तीन नेत्रों वाले, चार भुजाओं वाले, प्रसन्न मुख वाले,
पाश और अंकुश धारण करने वाले भगवान गणेश मेरे ऋणों को समाप्त करें।

श्लोक 3:
एक दांत वाले, विशालकाय, तपे हुए स्वर्ण के समान तेजस्वी,
लंबोदर, बड़े नेत्रों वाले भगवान गणेश मेरे ऋणों को नष्ट करें।

श्लोक 4:
महादेव के पुत्र, अत्यंत शक्तिशाली,
कपर्दिनी (मां पार्वती) के साथ सुशोभित, भगवान गणेश मेरे ऋणों को नष्ट करें।

श्लोक 5:
वक्रतुण्ड, देवताओं के द्वारा पूजित, मूषक वाहन पर सवार,
लाल रंग के और सुपारी के आकार वाले भगवान गणेश मेरे ऋणों को समाप्त करें।

श्लोक 6:
लंबोदर, महान पराक्रमी, नाग का यज्ञोपवीत धारण करने वाले,
सर्प का आभूषण पहने हुए भगवान गणेश मेरे ऋणों को नष्ट करें।

श्लोक 7:
जो भी व्यक्ति इस स्तोत्र का नित्य पाठ करेगा, उसके ऋण समाप्त होंगे,
और उसे बिना कठिनाई के धन-धान्य और समृद्धि प्राप्त होगी।

॥ इस प्रकार श्री ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम समाप्त हुआ ॥

इस स्तोत्र के नियमित पाठ से व्यक्ति के ऊपर के ऋणों से
मुक्ति प्राप्त होती है।

गणेश अथर्वशीर्ष भगवान गणेश की स्तुति का एक प्रमुख
स्तोत्र है, जिसे पढ़ने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं
और भक्त को शांति और सफलता प्राप्त होती है। इस
स्तोत्र के महत्व, लाभ, और विधि के बारे में अधिक
जानने के लिए हमारा विस्तृत लेख गणेश अथर्वशीर्ष का
महत्व और विधि पढ़ें।

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम का महत्व

‘ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम्’ एक ऐसा स्तोत्र है जो विशेष
रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। इसे पढ़ने से
व्यक्ति के जीवन में चल रही आर्थिक समस्याओं में कमी
आती है। यह स्तोत्र न केवल ऋण से मुक्ति के लिए
प्रचलित है, बल्कि इसे मानसिक शांति और समृद्धि पाने
के लिए भी पढ़ा जाता है। इसमें भगवान गणेश के
विभिन्न रूपों और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है,
जो भक्तों को संकटों से पार पाने का बल प्रदान करता है।

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम की रचना और प्रभाव

यह स्तोत्र आदिकाल से ही भगवान गणेश की कृपा पाने
का साधन रहा है। ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम को पढ़ने वाले
भक्त अनुभव करते हैं कि उनके जीवन में धीरे-धीरे
सकारात्मक परिवर्तन आ रहे हैं। यह माना जाता है कि
इस स्तोत्र का प्रभाव इतना दिव्य है कि नित्य पाठ करने
से भगवान गणेश स्वयं भक्त के सभी ऋणों को दूर करने
के लिए आशीर्वाद देते हैं।

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम् का पाठ कैसे करें?

इस स्तोत्र का पाठ करने के लिए प्रातःकाल का समय
श्रेष्ठ माना गया है। इसे शांत मन और पूरे विश्वास के साथ
पढ़ना चाहिए। नीचे इस स्तोत्र के कुछ प्रमुख श्लोक दिए
गए हैं, जिनका पाठ कर आप गणेश जी की कृपा प्राप्त
कर सकते हैं।

इस प्रकार के मंत्रों के पाठ से आपके जीवन में ऋणमुक्ति
का मार्ग खुलता है। भगवान गणेश का स्मरण मन को
शांति और शरीर को बल प्रदान करता है।

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम् के लाभ

ऋणमुक्ति: नियमित पाठ से आर्थिक संकट और ऋण की
समस्या का समाधान मिलता है।

मानसिक शांति: भगवान गणेश का ध्यान करने से व्यक्ति
को मानसिक शांति प्राप्त होती है।

समृद्धि का मार्ग: इसे पढ़ने से व्यक्ति के जीवन में
सुख-समृद्धि आती है, धन का प्रवाह बढ़ता है और
व्यापार में उन्नति होती है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार: यह स्तोत्र सकारात्मक
ऊर्जा को जीवन में आमंत्रित करता है, जिससे हर कार्य
में सफलता मिलती है।

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम् का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है।
उनके आशीर्वाद के बिना कोई भी कार्य सफल नहीं
होता। ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम के माध्यम से गणपति जी
को प्रसन्न किया जाता है, जो भक्तों के जीवन से दुख
और कष्टों का हरण करते हैं। वे हमारे जीवन के सभी
विघ्नों को दूर करते हैं और हर कार्य को सफल बनाते हैं।

कैसे करें ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम् का नियमित अनुष्ठान?

स्थान: इसे घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर
बैठकर करें।

समय: प्रातःकाल सूर्योदय के समय इसे पढ़ना अधिक
प्रभावी होता है।

संकल्प: पाठ से पहले भगवान गणेश से ऋणमुक्ति और
सफलता का संकल्प लें।

ध्यान: पाठ के दौरान भगवान गणेश का ध्यान करते रहें
और उनके स्वरूप का स्मरण करें।

नियमितता का महत्व

किसी भी मंत्र या स्तोत्र का प्रभाव तभी अधिक होता है,
जब उसे नियमित रूप से किया जाए। ऋणहर्ता गणेश
स्तोत्रम् का पाठ करते समय मन में विश्वास होना चाहिए
कि गणपति बप्पा आपकी सभी समस्याओं को हल
करेंगे। नियमित पाठ के साथ-साथ सत्यनिष्ठा और
सकारात्मकता को बनाए रखना चाहिए।

स्तोत्र का पाठ करते समय ध्यान देने योग्य बातें

किसी भी तरह की हड़बड़ी में न रहें। धीरे-धीरे और
ध्यानपूर्वक पाठ करें।

साफ मन और शरीर से ही इस स्तोत्र का पाठ करें।

पढ़ते समय गणेश जी की मूर्ति या चित्र का ध्यान करें,
जिससे मन में एकाग्रता बनी रहे।

निष्कर्ष

ऋणहर्ता गणेश स्तोत्रम् का पाठ न केवल भक्तों को ऋण
और आर्थिक संकट से मुक्ति दिलाने का मार्ग प्रदान
करता है, बल्कि यह हमें भगवान गणेश की कृपा से
मानसिक शांति और आत्मिक संतुष्टि भी देता है। जो भी
व्यक्ति इसे नियमित रूप से श्रद्धा और भक्ति के साथ
पढ़ता है, उसके जीवन में धीरे-धीरे सुख-समृद्धि और
उन्नति का मार्ग खुलता है।

भगवान गणेश का यह स्तोत्र आर्थिक तंगी, ऋण और
सभी बाधाओं को दूर करने के लिए अत्यधिक प्रभावी
माना गया है। अगर आप भी किसी आर्थिक संकट से
जूझ रहे हैं, तो नियमित रूप से इस स्तोत्र का पाठ करके
भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को
समृद्ध बनाएं।

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