Kamal Netra Stotram: कमल नेत्र स्त्रोत्रम

Kamal Netra Stotram

Kamal Netra Stotram: कमल नेत्र स्त्रोत्रम श्री कमल नेत्र कटि पीताम्बर, अधर मुरली गिरधरम ।मुकुट कुण्डल कर लकुटिया, सांवरे राधेवरम ॥1॥ कूल यमुना धेनु आगे, सकल गोपयन के मन हरम ।पीत वस्त्र गरुड़ वाहन, चरण सुख नित सागरम ॥2॥ करत केल कलोल निश दिन, कुंज भवन उजागरम ।अजर अमर अडोल निश्चल, पुरुषोत्तम अपरा परम ॥3॥ … Read more