Shri Ranganathashtakam: श्री रङ्गनाथाष्टकम्

Shri Ranganathashtakam: श्री रङ्गनाथाष्टकम्

Shri Ranganathashtakam: श्री रङ्गनाथाष्टकम् आनन्दरूपे निजबोधरूपे ब्रह्मस्वरूपे श्रुतिमूर्तिरूपे ।शशाङ्करूपे रमणीयरूपे श्रीरङ्गरूपे रमतां मनो मे ॥ १॥ कावेरितीरे करुणाविलोले मन्दारमूले धृतचारुचेले ।दैत्यान्तकालेऽखिललोकलीले श्रीरङ्गलीले रमतां मनो मे ॥ २॥ लक्ष्मीनिवासे जगतां निवासे हृत्पद्मवासे रविबिम्बवासेकृपानिवासे गुणवृन्दवासे श्रीरङ्गवासे रमतां मनो मे ॥ ३॥ ब्रह्मादिवन्द्ये जगदेकवन्द्ये मुकुन्दवन्द्ये सुरनाथवन्द्ये ।व्यासादिवन्द्ये सनकादिवन्द्ये श्रीरङ्गवन्द्ये रमतां मनो मे ॥ ४॥ ब्रह्माधिराजे गरुडाधिराजे वैकुण्ठराजे सुरराजराजे … Read more