Narmada Ashtakam: श्री नर्मदा अष्टकम
Narmada Ashtakam: श्री नर्मदा अष्टकम सबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितम द्विषत्सु पापजात जात कारि वारि संयुतम कृतान्त दूत काल भुतभीति हारि वर्मदे त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ॥1॥ त्वदम्बु लीन दीन मीन दिव्य सम्प्रदायकम कलौ मलौघभारहारि सर्वतीर्थ नायकं सुमस्त्य कच्छ नक्र चक्रचक्रवाक् शर्मदे त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ॥2॥ महागभीर नीर पुर … Read more