Tirupati temple laddu controversy:प्रयोगशाला ने घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि की

तिरूपति लड्डू विवाद: लैब रिपोर्ट में घी में चरबी और चर्बी की पुष्टि! (Tirupati temple laddu Controversy: Lab reports confirm lard, tallow in ghee!)
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Tirupati laddu controversy: लैब रिपोर्ट में घी में चर्बी की पुष्टि!

तिरूमला तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध laddu controversy ने बड़ा मोड़ ले लिया है, जब लैब रिपोर्ट में घी में जानवरों की चर्बी पाई गई। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के बाद यह मामला गरमा गया था। उन्होंने कहा था कि वाईएसआरसीपी शासन के दौरान तिरुमाला लड्डू प्रसादम में पशु वसा का उपयोग किया गया था। अब राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा की गई लैब रिपोर्ट में इन आरोपों की पुष्टि हो चुकी है।

क्या था मामला?

तिरूपति बालाजी के प्रसादम लड्डू पूरे देश में प्रसिद्ध हैं, लेकिन हाल ही में इसमें जानवरों की चर्बी होने के आरोपों ने भक्ति की भावना को ठेस पहुंचाई है। चंद्रबाबू नायडू के बयान के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई थी, क्योंकि तिरुपति लड्डू न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए पवित्र प्रसाद है बल्कि यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक भी है।

लैब रिपोर्ट में क्या निकला?

एनडीडीबी लैब द्वारा किए गए परीक्षण में यह पाया गया कि लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी में लार्ड (सुअर की चर्बी) और मछली के तेल की मौजूदगी थी। इस जांच में यह भी सामने आया कि घी की गुणवत्ता भी बेहद खराब थी और यह निश्चित रूप से श्रद्धालुओं की आस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

अयोध्या में भेजे गए तिरूपति लड्डू?

इस खुलासे के बाद एक नया सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या इसी घी से बने लड्डू इस साल की शुरुआत में राम मंदिर के अभिषेक समारोह के लिए अयोध्या भेजे गए थे? मीडिया में उस वक्त यह खबरें आई थीं कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने राम मंदिर के लिए विशेष तौर पर एक लाख लड्डू भेजे थे। हालांकि, इस बात की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है कि जो लड्डू भेजे गए थे, वे वही लड्डू थे जिनमें चर्बी पाई गई है या नहीं।

श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

इस विवाद के बाद श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। कई लोगों का कहना है कि इस तरह के मामले से उनकी आस्था को ठेस पहुंची है। लड्डू के पवित्र प्रसाद में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने की खबर से मंदिर आने वाले भक्तजन बेहद दुखी और आहत महसूस कर रहे हैं। इसके अलावा, धार्मिक संगठनों ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और सरकार से तिरुपति देवस्थानम की जांच की मांग की है।

राजनीतिक बयानबाजी

laddu controversy के बाद राज्य की राजनीति में इस मुद्दे ने और तूल पकड़ लिया है। चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के बाद वाईएसआरसीपी सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। सरकार ने अब तक इस मामले में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर निशाना साध रहा है।

विपक्ष का कहना है कि यह सरकार की नाकामी है कि इतने बड़े धार्मिक स्थल पर प्रसाद में ऐसी मिलावट हो रही है। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है और जांच का वादा किया है।

मंदिर प्रशासन का जवाब

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के प्रशासन ने लैब रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट फर्जी हो सकती है और इस पर विस्तृत जांच की आवश्यकता है। प्रशासन ने कहा कि वे भक्तों की भावनाओं का पूरा सम्मान करते हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वे जल्द ही इस पर आधिकारिक बयान जारी करेंगे।

निष्कर्ष

Tirupati temple laddu controversy: ने आस्था और राजनीति के बीच बड़ा टकराव पैदा कर दिया है। जहां एक ओर श्रद्धालु इसे अपनी धार्मिक भावनाओं पर चोट मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य की राजनीति में इसका असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। अब देखना होगा कि इस मामले की सच्चाई क्या है और प्रशासन इसे कैसे संभालता है।

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